जनलोकपाल के मुद्दे पर सरकार के इस रबैये पर टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी भड़क उठी| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को लोकपाल के दायरे से बाहर रखने पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को आड़े हाथों लेते हुए अन्ना पक्ष की सदस्य किरण बेदी ने बुधवार को कहा कि ऐसा जान पड़ता है कि जब तक राजनीतिक दलों को अपने अतीत के भ्रष्ट कृत्यों के लिए छूट (माफी) नहीं मिल जाती है तब तक सीबीआई सरकार के नियंत्रण में ही रहेगी।बेदी ने ट्विटर पर कहा कि यह विधेयक नया मार्ग प्रशस्त नहीं करेगा बल्कि पुराने मार्ग को भी ध्वस्त करेगा। धन्यवाद सोनिया जी आपको। उन्होंने कहा कि ऐसा जान पड़ता है कि भ्रष्टाचार के पुराने कृत्यों के लिए छूट की गारंटी का जब तक प्रावधान नहीं होगा, राजनीतिक दल यह सुनिश्चित करेंगे कि सीबीआई सरकार के नियंत्रण में रहे।उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं - सुषमा स्वराज और अरुण जेटली से सीबीआई को सरकारी नियंत्रण से बाहर कराने में मदद की भी अपील की। उन्होंने कहा कि क्या आप (सुषमा स्वराज) और (अरुण जेटली) हमारी मदद करेंगे। किरण बेदी की इस आवाज़ पर विपक्ष को आगे आना चाहिए या नहीं ये उसके स्वार्थ पर निर्भर करता है| मगर जो सरकार अन्ना की आवाज़ पर इतनी आना कानी कर रही है वो सरकार किरण बेदी की कहाँ सुनेगी चाहे ये कितनी भी खरी खोटी क्यों न सुना दे |

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