सरकार के रवैये से खुश नहीं अन्ना

भ्रटाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले अन्ना हजारे जी को सरकार का का यह व्यवहार खटक रहा है लोकपाल विधेयक पर सरकार की मंशा पर शंका जताते हुए अन्ना हजारे ने उस पर आरोप लगाया कि वह बार-बार उनकी टीम के साथ विश्वासघात कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर संसद के शीतकालीन सत्र में कारगर लोकपाल विधेयक पारित नहीं किया गया तो वह अपने आंदोलन की योजना पर दृढ़ हैं।एक रैली को यहां संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से आश्वासनों के बावजूद बार-बार विश्वासघात किया गया, जिसने विधेयक के पारित होने के बारे में हमें संशय में डाल दिया है। हजारे ने कहा कि अगर विधेयक पारित होता है तो ठीक है या फिर प्रदर्शन होगा। अगर विधेयक पारित होता है तो 27 दिसंबर को मैं प्रधानमंत्री को फूल भेंट करूंगा।हजारे ने लोकपाल विधेयक के संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पारित नहीं होने की स्थिति में आगामी 27 दिसंबर से अनशन पर बैठने की धमकी दी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि सीबीआई को लोकपाल के दायरे में लाने पर कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि एक जनवरी को जेलों में तनिक भी जगह नहीं बचे।हजारे कारगर लोकपाल विधेयक के संबंध में अपने अभियान के लिए समर्थन जुटाने यहां आए हैं। हजारे बेंगलूर से यहां पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार लोकपाल विधेयक पर अपने वादे को पूरा नहीं करेगी तो जेल भरो शुरू किया जाएगा।74 वर्षीय गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि जेल जाने में कुछ भी शर्मनाक नहीं है क्योंकि देश की खातिर राष्ट्रीय नेताओं ने पहले ऐसा किया है। बाद में संवाददाताओं से बातचीत में हजारे ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बेदाग और स्पष्टवादी हैं लेकिन रिमोट कंट्रोल, जो खुद को प्रधानमंत्री समझते हैं, की वजह से कार्रवाई नहीं कर सकते।हजारे ने कहा कि उन्हें मत्यु से डर नहीं लगता है और अगर देश की सेवा में उनकी जान भी चली जाती है तो वह सम्मानित महसूस करेंगे। सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि लोग दिल के दौरा से मरते हैं। मुझे मौत का भय नहीं हैं। अगर देश सेवा में मेरी मौत हो जाती है तो मैं सम्मानित महसूस करूंगा। उन्होंने लोगों से देश से भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने को कहा। अन्ना की इस धहाड़ का सरकार पर क्या असर पड़ेगा 27 दिसंबर तक इसका फैसला हो सकता है|
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