उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती का क़हर जारी है आज चार और मंत्रियों पर ये गाज गिरी मायावती ने अपने मंत्रियों की सूची से फतेह बहादूर, अनीस खान, सदल अहमद और इस्लाम अंसारी को हटा दिया है.गौरतलब है कि पिछले एक हफ्ते में मायावती ने 10 मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. यूपी में आगामी चुनावों के मद्देनजर इन मंत्रियों को हटाए जाने की खबर आ रही है. गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व भी मायावती ने लोकायुक्त की जांच के बाद कुछ मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई थी.गुरुवार को ही मायावती ने नरेश अग्रवाल को भी पार्टी से निकाल दिया था. अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी को ज्वाइन कर लिया है.
Friday, 30 December 2011
Thursday, 29 December 2011
उत्तर प्रदेश सरकार के दो और मंत्रिओं पर गिरी गाज
विधानसभा चुनाव के पास आते ही सरकार अपनादामन धोती नजर आ रही है | उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने अपने मंत्रिपरिषद के दो और मंत्रियों अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अकबर हुसैन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के राज्यमंत्री यशपाल सिंह को बर्खास्त कर दिया है.सरकारी प्रवक्ता ने बताया, ‘राज्यपाल बी. एल. जोशी ने मुख्यमंत्री मायावती की मंत्रणा से अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अकबर हुसैन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री यशपाल सिंह को तत्काल प्रभाव से मंत्री पद से मुक्त कर दिया है.’ प्रवक्ता ने बताया है कि अकबर हुसैन को पद से हटाये जाने के बाद खाली हुए अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग की जिम्मेदारी रामबीर उपाध्याय को सौंप दी गयी है, जो अपने वर्तमान कार्यभार के साथ इस नये विभाग का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे.मंत्रियों को मंत्रिपरिषद से हटाये जाने के बारे में हालांकि, आधिकारिक रूप से कोई कारण नहीं बताया गया है. वहीं, बसपा सूत्रों ने बताया है कि दोनों मंत्री अपने क्षेत्र के विकास पर ध्यान नहीं दे रहे थे, इसलिए उन्हें उनके पद से हटाया गया और आगामी विधानसभा चुनाव के लिये टिकट भी काट दिया गया.उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में मुख्यमंत्री मायावती ने अपने मंत्रिपरिषद के चार और मंत्रियों उच्च शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी, कृषि शिक्षा मंत्री राजपाल त्यागी, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अवधेश वर्मा और होमगार्ड विभाग के राज्यमंत्री हरिओम को बर्खास्त कर दिया था.मंत्रिपरिषद से हटाये गये दो मंत्रियों को जोड़कर प्रदेश में अब तक कुल 13 मंत्री विभिन्न आरोपों में अपने पद से हटाये जा चुके हैं. उल्लेखनीय है कि परिवार कल्याण विभाग के मुख्य चिकित्साधिकारी बीपी सिंह की अप्रैल में हुई हत्या के बाद चली जांच में विभागीय भ्रष्टाचार सामने आने पर तत्कालीन परिवार कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा और स्वास्थ्य मंत्री अनन्त कुमार मिश्र को अपने पदों से इस्तीफा देना पड़ा था, जबकि पांच मंत्री तत्कालीन धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री राजेश त्रिपाठी, माध्यमिक शिक्षामंत्री रंगनाथ मिश्र, दुग्ध विकास राज्यमंत्री अवधपाल सिंह यादव, श्रममंत्री बादशाह सिंह और अंबेडकर गांव विकास मंत्री रतनलाल अहीरवार भ्रष्टाचार के विभिन्न आरोपों में लोकायुक्त की रिपोर्ट पर अपने पद से हटाये गये थे|लोकायुक्त एन के मेहरोत्रा ने भ्रष्टाचार के विभिन्न आरोपों में मुख्यमंत्री मायावती को भेजी अपनी रिपोर्ट में लघु उद्योग विकास मंत्री चन्द्रदेवराम यादव को पद से हटाये जाने की संस्तुति की है, जबकि प्रदेश के कद्दावर मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी सहित तेरह और मंत्री लोकायुक्त के जांच घेरे में हैं|
Wednesday, 28 December 2011
गडकरी ने केंद्र पर साधा निशाना
भाजपा ने किया केंद्र सरकार पर हमला उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के पक्ष में तूफानी चुनाव प्रचार कर रहे कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पर हमला करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कांग्रेस को भ्रष्टाचार की जननी बताया और कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में ‘हाथी’ नोट खा रहा है तो ‘पंजा’ क्या कर रहा है?गडकरी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नागरिक अभिनंदन समारोह पर महाराज बाडे पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री मायावती पर भृष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं और कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश को भेजी गयी पूरी राशि हाथी खा गया. उन्होंने प्रश्न किया कि अगर ‘हाथी’ नोट खा रहा है तो ‘पंजा’ क्या कर रहा है?गडकरी ने कहा कि कांग्रेस, भाजपा के सामने घबरा गयी है और पूरे देश से विलुप्त होती जा रही है और देश भर में उसका बैंड बज रहा है. उन्होंने केन्द्रीय मंत्रिमंडल के फेरबदल में मप्र के दो मंत्रियों के हटाये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि केन्द्र से प्रदेश के नेताओं की छुट्टी होती जा रही है. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि देश के औद्योगिक क्षेत्र में भी अविश्वास की स्थित पैदा होती जा रही है और उद्योगपति देश छोडकर बाहर जा रहे है|
Monday, 26 December 2011
सरकार पर बरसे अन्ना पीएम को धोकेवाज़ बताया
लोकपाल बिल को लेकर सरकार से खुश नहीं है संवाददाताओं से हुई बार्ता में अन्ना ने कहा कि सरकार छह महीने से झूठ बोल रही है| सरकार ने हमारे देश के साथ धोखा किया है| प्रधानमंत्री वादा कर पलट गए. ऐसा कहना है अन्ना हजारे का| अनशन के लिए अपने घर से अन्ना मुंबई के लिए निकले. घर से निकलते समय अन्ना ने मीडिया के माध्यम से देश को संबोधित किया|अन्ना ने साफ कर दिया कि मेरा आंदोलन किसी पार्टी के खिलाफ नहीं है. कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन होने की आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए अन्ना ने कांग्रेस से पूछा कि वह कब पार्टी के खिलाफ आंदोलन किए? साथ ही अन्ना ने सरकार से यह भी पूछा कि सरकार यह बताए कि सरकार ने कब भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई ठोस कानून बनाया?अन्ना ने कहा कि यह आंदोलन भ्रष्टाचार के खिलाफ है. यह किसी पार्टी के खिलाफ नहीं है| भ्रष्टाचार के कारण गरीबों का जीना मुहाल हो गया है. अब तो सत्ता से पैसा और पैसा से सत्ता का बोलबाला है|अन्ना ने एक बार फिर कहा कि करपश्न एक नासूर बन गया है और पिछले 25 साल से लंबित पड़ा लोकपाल का मामला अभी भी लंबित है.अन्ना ने बताया, ‘27, 28 और 29 दिसंबर को मुंबई में अनशन होगा जबकि 30 दिसंबर से सोनिया गांधी जी के घर के बाहर मेरा धरना होगा जो तीन दिनों तक चलेगा.’अन्ना ने कहा कि मुझे पता है कि सरकार की ताकत बड़ी है. उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव के आंदोलन के खिलाफ सरकार ने जो कदम उठाए क्या यही उनका पुरुषार्थ था? सरकार ने रात में एक बजे महिलाओं के ऊपर लाठीचार्य किया क्या यही सरकार का पुरुषार्थ था? अन्ना ने कहा कि मेरे साथ भी सरकार ऐसा कुछ कर सकती है लेकिन मुझे मृत्यु का भय नहीं है क्योंकि मेरा जीवन भगवान का दिया हुआ बोनस है.अन्ना ने युवाओं से अपील की कि वह अहिंसा की राह पर आगे बढ़ें. अहिंसा में काफी ताकत है. उन्होंने कहा कि मुझे मौत से डर नहीं है| देश के लिए मरना गौरव की बात है. अन्ना ने कहा कि भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव ने देश के लिए जो कुबार्नी दी उसे हमें याद रखना है|जब उनसे पूछा गया कि आपकी तबियत कैसी है तो अन्ना ने कहा कि दो दिन हमारी तबीयत खराब हो गई थी लेकिन अब अनशन के लिए ठीक हो गई है|
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस बंगारप्पा का निधन
देश के एक और राजनेता ने कहा दुनिया को अलविदा कर्नाटक की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलावों के गवाह और प्रदेश में पहली गैर कांग्रेसी सरकार के रचियता पूर्व मुख्यमंत्री एस बंगारप्पा का सोमवार तड़के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह कुछ समय से बीमार थे. उनके पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. 79 वर्षीय बंगारप्पा के परिवार में उनकी पत्नी , दो बेटे तथा तीन बेटियां हैं.गुर्दे संबंधी बीमारी और मधुमेह से पीड़ित बंगारप्पा का सात दिसंबर से इलाज चल रहा था। उन्होंने कल आधी रात के बाद करीब पौने एक बजे अंतिम सांस ली. बंगारप्पा हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल एस में शामिल हुए थे.26 अक्तूबर 1932 को जन्मे बंगारप्पा ने 1967 में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर मजबूत कदमों के साथ राजनीति में प्रवेश किया और 1972 में देवराज उर्स के मंत्रिमंडल में अपनी सेवाएं दीं.सोशलिस्ट के रूप में राजनीति में प्रवेश करने वाले बंगारप्पा अपनी सियासी जिंदगी में कई दलों में आते जाते रहे. कई बार कांग्रेस छोड़कर वह पुन: इसी पार्टी में लौटे. उन्होंने अपनी पार्टी भी बनायी. कुछ समय समाजवादी पार्टी और भाजपा में भी रहे.बंगारप्पा ने 1983 में कर्नाटक में पहली गैर कांग्रेसी सरकार स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. उस समय उनके कर्नाटक क्रांति रंगा दल ने तत्कालीन जनता पार्टी सरकार का समर्थन किया, जिसके प्रमुख रामकृष्ण हेगड़े थे.वह 1990-92 के बीच मुख्यमंत्री भी रहे और उसके बाद पद से हटाए जाने के पश्चात उन्होंने कर्नाटक कांग्रेस पार्टी गठित की जिसने 1994 का विधानसभा चुनाव लड़ा और दस सीटों पर जीत हासिल की.राज्य की राजनीति में अपनी छाप छोड़ने वाले बंगारप्पा 1996. 1999 और 2003 में तीन बार लोकसभा के सदस्य भी रहे. पिछड़े वर्गों में सम्मानित रहे बंगारप्पा 1998 का संसदीय चुनाव भाजपा के अयानुर मंजुनाथ के हाथों हार गए.राजनीति में उनका खराब समय 2009 में आया जब बंगारप्पा को पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के पुत्र बी वाई राघवेन्द्र ने शिमोगा संसदीय सीट से हरा दिया. 2008 के विधानसभा चुनाव में वह शिकारीपुरा सीट पर येदियुरप्पा के हाथों हार गए. बंगारप्पा ने तीन साल भाजपा में गुजारे और पार्टी के टिकट पर 1996 और 1999 का चुनाव भी जीते.उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव कबातुर ले जाया जा रहा है जहां मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. उनके पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. बंगारप्पा के बड़े पुत्र कुमार बंगारप्पा अभिनेता हैं और पूर्व मंत्री भी. उनके एक अन्य पुत्र मधु बंगारप्पा फिल्म उद्योग में सक्रिय हैं.
Sunday, 25 December 2011
कांग्रेस देश का बंटबारा चाहती है : उमा
भारतीय जनता पार्टी की तेजतर्रार नेता और उत्तर प्रदेश में 'भाजपा लाओ प्रदेश बचाओ' अभियान की संयोजक उमा भारती ने कहा है कि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश को बांटने की साजिश रची है.लखनऊ में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उमा भारती ने कहा कि एक तरफ जहां पूरा देश लोकपाल जैसे महत्वपूर्ण विधयेक पर ध्यान केंद्रित किए हुए है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने मुसलमानों को धर्म के आधार पर आरक्षण दिए जाने का घिनौना कदम उठाया है.उमा भारती ने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश में अल्पसंख्यक वोट बैंक को देखते हुए यह घिनौनी साजिश रची है और उसके इस कदम से अलगाववाद की स्थिति पैदा होगी.उमा से यह पूछे जाने पर कि क्या वह उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ेंगी तो उन्होंने कहा कि यह भविष्य की बात है, यह निर्णय पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी को लेना है.उमा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मुसलमानों को साढ़े चार फीसदी आरक्षण दिए जाने का लाभ मिलेगा कि नहीं यह कहना जल्दबाजी होगी लेकिन कांग्रेस का घिनौना चेहरा जरूर सामने आ गया है.
Thursday, 22 December 2011
नए लोकपाल बिल से खुश नहीं अन्ना
सरकार द्वारा पेश किये गए नए लोकपाल बिल से अन्ना कतई भी सहमत नहीं हैं | अन्ना ने संसद में बिल पेश होने के बाद रालेगण सिद्धि में संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने जो लोकपाल बिल पेश किया है| उससे जनता को कोई फायदा नहीं होने वाला है. यह गरीबों के हक में नहीं हैअन्ना ने कहा कि इस बिल को पेशकर सरकार ने जनता के साथ धोखा किया है| उन्होंने कहा कि मेरा आंदोलन जारी रहेगा| 27 दिसंबर से मुंबई के आजाद मैदान में अनशन पर बैठूंगा| सरकारी लोकपाल की आलोचना करते हुए अन्ना ने कहा कि सरकार सीबीआई को इसमें शामिल नहीं कर जनता के साथ धोखा किया है| सरकार अगर सीबीआई को इस बिल में शामिल करती है तो कई मंत्री जेल में पहुंच जाएंगे| सरकार भ्रष्टाचारियों को बचा रही है. यह ठीक नहीं है.अन्ना से जब पूछा गया कि लोकपाल बिल में आरक्षण पर आपका क्या कहना है, तो उन्होंने कहा कि इस विषय पर संसद फैसला ले. हमें उसपर पूरा भरोसा है| अन्ना ने यह भी कहा कि अभी सरकार ने बिल पेश किया है अब इसपर बहस होगी जिसे देश की जनता देखेगी| अन्ना ने कहा कि अगर सरकार सशक्त लोकपाल बिल नहीं बनाती है तो हम इस बात को जनता के बीच में ले जाएंगे.अन्ना ने कहा कि आने वाले पांच राज्यों के चुनाव के दौरान हम राज्यों में जाएंगे और लोगों को ऐसे नताओं के विषय में बताएंगे| हमारा यह सिलसिला लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगा| हमलोग जनता को इससे अवगत कराते रहेंगे| जनता ही इसका उचित जबाव देगी|अन्ना फिलहाल 27 से 29 दिसंबर तक मुंबई के आजाद मैदान में अनशन करने वाले हैं. इसके बाद अन्ना दिल्ली आएंगे और सोनिया गांधी के आवास के सामने से जेल भरो आंदोलन की शुरूआत करेंगे| यह आंदोलन 3 जनवरी तक पूरे देश में जारी रहेगा|अब तक संसद में लोकपाल बिल 9वीं बार पेश किया जा चुका है| इस बिल पर आगामी 27,28,29 दिसम्बर को संसद में बहस होगी|जिसमे विपक्ष को सरकार पर प्रहार करने का एक और मोका मिलेगा |Wednesday, 21 December 2011
सरकार पर बरसीं किरण बेदी
जनलोकपाल के मुद्दे पर सरकार के इस रबैये पर टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी भड़क उठी| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को लोकपाल के दायरे से बाहर रखने पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को आड़े हाथों लेते हुए अन्ना पक्ष की सदस्य किरण बेदी ने बुधवार को कहा कि ऐसा जान पड़ता है कि जब तक राजनीतिक दलों को अपने अतीत के भ्रष्ट कृत्यों के लिए छूट (माफी) नहीं मिल जाती है तब तक सीबीआई सरकार के नियंत्रण में ही रहेगी।बेदी ने ट्विटर पर कहा कि यह विधेयक नया मार्ग प्रशस्त नहीं करेगा बल्कि पुराने मार्ग को भी ध्वस्त करेगा। धन्यवाद सोनिया जी आपको। उन्होंने कहा कि ऐसा जान पड़ता है कि भ्रष्टाचार के पुराने कृत्यों के लिए छूट की गारंटी का जब तक प्रावधान नहीं होगा, राजनीतिक दल यह सुनिश्चित करेंगे कि सीबीआई सरकार के नियंत्रण में रहे।उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं - सुषमा स्वराज और अरुण जेटली से सीबीआई को सरकारी नियंत्रण से बाहर कराने में मदद की भी अपील की। उन्होंने कहा कि क्या आप (सुषमा स्वराज) और (अरुण जेटली) हमारी मदद करेंगे। किरण बेदी की इस आवाज़ पर विपक्ष को आगे आना चाहिए या नहीं ये उसके स्वार्थ पर निर्भर करता है| मगर जो सरकार अन्ना की आवाज़ पर इतनी आना कानी कर रही है वो सरकार किरण बेदी की कहाँ सुनेगी चाहे ये कितनी भी खरी खोटी क्यों न सुना दे |
Monday, 19 December 2011
मसौदे में सुधार पर बोले सलमान खुर्शीद
Sunday, 18 December 2011
सरकार के रवैये से खुश नहीं अन्ना
Friday, 16 December 2011
क्रिकेट के भगवान या हॉकी के जादूगर को मिल सकता है: भारत रत्न
क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को जल्द ही देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा जा सकता है। सचिन के साथ हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को भी भारत रत्न मिल सकता है। केन्द्र सरकार ने खेल के नियमों में बदलाव किए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक नोटिफिकेशन के जरिए खेल के नियमों में बदलाव किए हैं। इन बदलावों के बाद मास्टर ब्लास्टर और ध्यानचंद को देश का सर्वोच्च सम्मान मिलने का रास्ता साफ हो गया है। अभी तक खेल से जुड़ी हस्तियों को भारत रत्न नहीं दिया जाता था लेकिन अब खेल में असाधारण प्रदर्शन करने वाले को भारत रत्न मिलेगा। गौरतलब है कि सचिन और ध्यानचंद को काफी समय से भारत रत्न दिए जाने की मांग की जा रही थी। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, सुर साम्राज्ञी लता मंगेश्कर सहित राजनीति से जुड़ी कई हस्तियां सचिन को भारत रत्न देने की मांग कर चुकी हैं।
नहीं बढ़ेंगे पेट्रोल के दाम
रूपए में सुधार की वजह से अब पेट्रोल के दाम नहीं बढेंगे। शुक्रवार को सरकारी तेल कम्पनियों की समीक्षा बैठक के बाद कम्पनियों ने यह फैसला लिया। इससे पहले आशंका जताई जा रही थी कि दो बार कमी के बाद पेट्रोल फिर महंगा हो सकता है। एक उच्च अधिकारी की मानें तो पेट्रोल पर 60 पैसे ली. की अंडर रिकवरी है। इससे पेट्रोल के दाम 65 पैसे प्रति लीटर बढ़ने की संभावना जताई जा रही थी।इस क्षेत्र की अग्रणी कंपनी इंडियन आयल कार्पोरेशन लिमिटेड ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए कदम और डालर के मुकाबले रूपए की मजबूती से कंपनी प्रबंधन स्थिति की समीक्षा कर रहा है। कंपनी ने कहा है कि पेट्रोल की कीमतों में किसी भी प्रकार के बदलाव के बारे में वह उचित समय पर फैसला करेगी।
डालर के मुकाबले रूपए में रिकार्ड गिरावट के बाद ऎसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल के दामों में वृद्धि कर सकती हैं। सरकार ने पिछले साल जून में पेट्रोल को प्रशासनिक मूल्य सूची से हटा दिया था और इसके बाद तेल विपणन कंपनियां हर पखवाडे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों और अन्य परिस्थितियों को ध्यान में रखकर कीमतों की समीक्षा करती हैं। पिछले दो पखवाडे के दौरान कंपनियों ने पेट्रोल की कीमतों में कमी की थी।
डालर के मुकाबले रूपए में रिकार्ड गिरावट के बाद ऎसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल के दामों में वृद्धि कर सकती हैं। सरकार ने पिछले साल जून में पेट्रोल को प्रशासनिक मूल्य सूची से हटा दिया था और इसके बाद तेल विपणन कंपनियां हर पखवाडे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों और अन्य परिस्थितियों को ध्यान में रखकर कीमतों की समीक्षा करती हैं। पिछले दो पखवाडे के दौरान कंपनियों ने पेट्रोल की कीमतों में कमी की थी।
Thursday, 15 December 2011
धूम्रपान से बचोगे तभी खुशहाल रहोगे
यह वो नशा है जिसकी बेहोशी से आदमी कभी नहीं उठता यह वो दबा है जिसे बीमारी और बदती है| फिर भी लोग सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनकर इस ज़हर का सेवन किये जा रहे हैं| धूम्रपान करने वालों को अकसर लगता है कि अगर वे धूम्रपान छोड़ देंगे तो उनके जीवन की गुणवत्ता कम हो जाएगी लेकिन उनका सोचना गलत है.एक शोध से पता चला है कि जो लोग धूम्रपान से किनारा कर लेते हैं, वे धूम्रपान करने वालों की तुलना में कहीं ज्यादा संतुष्ट, स्वस्थ और खुश रहते हैं.शोध का नेतृत्व कर रहे यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ के मेगान पाइपर और उनकी टीम ने यह पता लगाने की कोशिश की कि क्या घूम्रपान छोड़ना मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक रहता है?
पाइपर ने कहा, 'हमारी खोज बताती है कि अगर कोई धूम्रपान छोड़ दे तो वह धूम्रपान करने वाले लोगों की तुलना में लम्बे समय तक खुशहाल और संतुष्ट रह सकते हैं.'जर्नल ऐनल्स ऑफ बिहेव्यरल मेडिसन के अनुसार सेहत में सुधार, चिकित्सकों का लोगों को धूम्रपान छोड़ने के लिए शिक्षित करना और प्रेरित करना धूम्रपान छोड़ने के अच्छे अनुभवों में शामिल है.यूनिवर्सिटी के एक बयान के अनुसार शोधकर्ताओं ने धूम्रपान विराम परीक्षण में 1,504 धूम्रपान करने वाले लोगों की स्वास्थ्य गुणवत्ता, सकारात्मक बनाम नकारात्मक भावनाओं, रिश्तों की संतुष्टि का मूल्यांकन किया. यह मूल्यांकन एक साल और फिर तीन साल बाद किया गया.शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन्होंने लंबे समय से धूम्रपान छोड़ दिया था, उनमें कई सुधार देखे गए.
पाइपर ने कहा, 'हमारी खोज बताती है कि अगर कोई धूम्रपान छोड़ दे तो वह धूम्रपान करने वाले लोगों की तुलना में लम्बे समय तक खुशहाल और संतुष्ट रह सकते हैं.'जर्नल ऐनल्स ऑफ बिहेव्यरल मेडिसन के अनुसार सेहत में सुधार, चिकित्सकों का लोगों को धूम्रपान छोड़ने के लिए शिक्षित करना और प्रेरित करना धूम्रपान छोड़ने के अच्छे अनुभवों में शामिल है.यूनिवर्सिटी के एक बयान के अनुसार शोधकर्ताओं ने धूम्रपान विराम परीक्षण में 1,504 धूम्रपान करने वाले लोगों की स्वास्थ्य गुणवत्ता, सकारात्मक बनाम नकारात्मक भावनाओं, रिश्तों की संतुष्टि का मूल्यांकन किया. यह मूल्यांकन एक साल और फिर तीन साल बाद किया गया.शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन्होंने लंबे समय से धूम्रपान छोड़ दिया था, उनमें कई सुधार देखे गए.
Wednesday, 14 December 2011
क्षपाई में किये करोड़ों चट
अन्ना के भ्रस्टाचार के खिलाफ आन्दोलन के बाद भी भ्रस्टाचारी नहीं सुधरे जिन्होंने शिक्षण सामग्री को भी नहीं छोड़ा उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग में एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। आरोप है कि बच्चों को मिलने वाली किताबों को छापने के लिए बगैर टेंडर निकाले एक प्रिंटर से किताबें छपवाई गईं। मामला सामने आने के बाद सब एक-दूसरे को बचाने में जुट गए हैं।इस योजना के अंतर्गत डेढ़ लाख बेसिक-प्राइमरी स्कूलों में लगभग डेढ़ करोड़ की संख्या में हर बच्चे के हिसाब से 26 किताबें मुफ्त बांटी जानी थीं, लेकिन इसी योजना पर हर साल 12 करोड़ से ज्यादा किताबों की छपाई की गई।इस पर भी जो किताबें बच्चों को जुलाई में मिलती थीं, वे मिलीं अक्टूबर में। ऐसा इसलिए क्योंकि टेंडर से पहले ही करोड़ों की किताबें झांसी के प्रिंटर पीतांबरा बुक्स की प्रेस में छापे जाने का आरोप है।करोड़ों की किताबें जब्त की गईं पर अफसर खामोश बैठे रहे। आखिरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पीतांबरा के भुगतान पर रोक लगा दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट लखनऊ बेंच ने माना है कि इसमें प्रिंटर और अफसरों की मिलीभगत थी और इसीलिए टेंडर से बहुत पहले प्रिंटर किताबें छाप रहा था। इसीलिए कोर्ट ने रोक लगा दी है, लेकिन आरोप है कि बैकडेट में उसे भुगतान किया जा रहा है।सवाल यह है कि आखिर प्रिंटर को टेंडर से पहले पाठ्यक्रम की सीडी कैसे मिल गई। आरोप यह भी है कि किताबें जब्त करने के बाद प्रिंटर को करोड़ों के और काम दिए गए। महकमे ने माना भी है कि पूरे खेल में अफसर मिले हुए हैं। प्राथमिक शिक्षा मंत्री धर्मराज सैनी ने कहा कि माननीय न्यायालय के आदेश का हर हाल में सम्मान होगा। भुगतान को भी रोक दिया गया है। इसी साल उत्तर प्रदेश सरकार ने घटिया कागज इस्तेमाल करने के लिए 28 प्रिंटरों की भुगतान रोकने के आदेश दिए थे, लेकिन ये आदेश भी अचानक वापस ले लिए गए। ऐसे स्थिति होने के बाद भी प्रदेश सरकार अपना दामन साफ़ बताती है |
जन्नत में पहुंचा बिजली का बिल: मुकदमा दर्ज
अब मरे हुए लोग भी कर रहें है बिजली चोरी ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश में हरदोई के कोतवाली क्षेत्र में एक मृत व्यक्ति के खिलाफ विद्युत विभाग द्वारा बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज करके हर्जाने के रूप में 51 हजार 115 रुपये जमा करने का नोटिस दिये जाने का मामला प्रकाश में आया है।पुलिस उपाधीक्षक त्रिभुवन सिंह ने बताया कि विद्युत विभाग सीतापुर के प्रवर्तन दल के अवर अभियंता विकास मान तिवारी ने पिछले 23 नवम्बर को शहर कोतवाली में छह लोगों के खिलाफ बिजली चोरी का मामला दर्ज कराया था जिसमें ऊंचाठोक निवासी झुम्मन का नाम भी है जिसकी 15 वर्ष पहले ही मृत्यु हो चुकी है।उन्होंने बताया कि झुम्मन को जुर्माने के रूप में 51 हजार 115 रुपये जमा करने का नोटिस भी दिया गया है, जिससे उसके घर वाले बहुत परेशान हैं। उन्होंने
बताया कि चूंकि झुम्मन की मौत हो चुकी है इसलिए उस पर कोई मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। मगर बिजली विभाग को ये सब जानने की फुर्शत ही कहाँ अपना पेट भरना चाहिए बस और क्या |
बताया कि चूंकि झुम्मन की मौत हो चुकी है इसलिए उस पर कोई मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। मगर बिजली विभाग को ये सब जानने की फुर्शत ही कहाँ अपना पेट भरना चाहिए बस और क्या |
Tuesday, 13 December 2011
ग़म का वो मंजर
संसद पर आतंकवादी हमले को पूरे दस साल हो गए. 13 दिसंबर 2001 को सुबह करीब 11:30 बजे हैंड ग्रेनेड और एके-47 बंदूक से लैस आतंकियों ने जब बाहर हमला किया उस वक्त भीतर संसद का सत्र चल रहा था लेकिन सुरक्षा में शुरुआती चूक के बाद भी जवानों ने आतंकियों की एक न चलने दी.सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों, बम निरोधक दस्ते और पुलिस ने मोर्चे संभाल लिए, ताकि एक भी आतंकी मनमानी न कर सके और भाग कर जाने भी न पाए.हमला नाकाम कर दिया गया और पांच आतंकवादी मारे गए, जबकि नौ जाबांज जवान शहीद हो गएइस हमले की साज़िश रचने वाले अफजल गुरु सहित चार आतंकवादियों को पकड़ा गया था.शहीद हुए जवानों के परिजन इस हमले के जिम्मेदार अफजल गुरु पर जल्दी फैसला चाहते हैं.खुद अफजल फांसी पर लटकना चाहता है लेकिन अभी तक उसको फांसी पर नहीं लटकाया जा सका है. सरकार के इस रवैये से जनता में भी आक्रोश है.बीजेपी के कार्यकाल में हुए संसद पर हमले की पूरे विश्व समुदाय ने निंदा की थी.आतंकी हमले के दस साल बाद भी शहीदों के परिवारों को पूरा इंसाफ नहीं मिला. सरकार ने मुआवाजा देने में बहुत समय लगाया.संसद पर हुए हमले की 10वीं बरसी पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ-साथ कई सांसदों ने संसद को बचाने वाले वीरों को याद किया.
Sunday, 11 December 2011
युवाओं ने दिखाया दम जीती टीम इंडिया
चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में बेस्टइंडीज से हुए पांचवे व सीरीज के आखिरी वनडे मैच में भारत ने बेस्टइंडीज को 34 रन से हरा दिया| पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया ने छह विकेट पर 267 रन बनाये|
भारतीय टीम के पहले ही ओवर में दो विकिट गिरने के बाद गंभीर व युवा बल्लेबाज मनोज तिवारी ने पारी को संभाला 31 रन बनाने के बाद गंभीर भी आउट हो गए विराट कोहली के 80 रोहित शर्मा के 21व अपने कैरियर का पहला शतक लगाने वाले मनोज तिवारी 104 रन की मदद से भारत ने बेस्टइंडीज के सामने 268 रन का लक्ष्य रखा| लक्ष्य का पीछा करने उतरी बेस्टइंडीज के शुरूआती बल्लेबाजो को 2 साल बाद मैच में बापसी कर रहे इरफ़ान पठान ने पवेलियन बापिस लौटाया मध्यक्रम के बल्लेबाज किरोनपोलार्ड ने अपनी आतिशी पारी से नाबाद रहते हुए शानदार 119 रन बनाए| सीरीज में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले रोहित शर्मा को मैंन आफ द सीरीज से नवाजा गया| मनोज तिवारी मैंन आफ द मैच रहे और पांच मैचो की यह सीरीज भारत ने 4-1 से जीत ली|
Saturday, 10 December 2011
लोगों ने किया साल के आखिरी चंद्रग्रहण का दीदार
आज लोगों ने देखा खग्रास चंद्रग्रहण यह साल का आखिरी चंद्रग्रहण था जो शाम 6 बजकर15 मिनट से शुरू होकर 9 बजकर 48 मिनट पर समाप्त हुआ इस प्रकार तीन घंटे तैतालीस मिनट तक चले इस चन्द्रग्रहण में पंडितों व विद्वानों ने अपने विचार प्रकट किये उन्होंने बताया कि इस चंद्रग्रहण का भिन्न - भिन्न राशिओं पर भिन्न - भिन्न प्रभाव पड़ेगा और ग्रहण के समय देवी देवताओ की प्रतिमाओं को स्पर्श न करें, बहार न निकले,ग्रहणकाल के दौरान धार्मिक ग्रंथो का पाठ करें|मगर आधुनिक युग व बैज्ञानिक चकाचोंध में जी रहे 21वी
शदी के लोगों ने चन्द्रमा द्वारा हुए कुदरत के इस अतुल्य नज़ारे का जी भर के दीदार किया|
शदी के लोगों ने चन्द्रमा द्वारा हुए कुदरत के इस अतुल्य नज़ारे का जी भर के दीदार किया|
Friday, 9 December 2011
आग की लपटों में दहला एएमआरआई अस्पताल 89 मरे
आज का दिन कोलकाता के एएमआरआई अस्पताल के लिए चीख पुकार व शोक पूर्ण भरा रहा अस्पताल के बेसमेंट में भीषण आग लगने से करीब 89 लोगों की मौत हो गयी| बताया जा रहा है कि अस्पताल के कर्मचारिओं कि लापरवाही कि बजह से ये आग लगी, और स्थिति का जायजा लेने मोके पर पहुंची पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अस्पताल की मान्यता रद्द करते हुए अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करते हुए गिरफ्तारी के निर्देश दिए जिसमे निदेशक समेत छह लोगों को गिरफ्तार गया है| मुख्यमंत्री ने इस अग्निकांड पर शोक प्रकट करते हुए मृतको के परिजनों को सरकार की ओर से 2-2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की | वहीं अस्पताल की ओर से मृतको के परिजनों के लिए 5-5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की गई है| मगर क्या इस मुआवजे से कोई माँ अपने मरे बेटे को भाई अपनी बहिन को पति अपनी पत्नी को पुनः पा सकता है|क्या इस अग्निकाण्ड के लिए केवल अस्पताल प्रबंधन ही जिम्मेदार है| कहीं न कहीं सरकार भी इसकी जिम्मेदार है |इससे पहले नबम्बर के महीने में मुंबई के सारा सहारा कॉम्प्लेक्स व दिल्ली की नन्द नगरी में आग लग गयी थी| इसके बाद भी पश्चिम बंगाल सरकार को सुध नहीं आई जिसका खामियाजा बेकसूर लोगों को भुगतना पड़ा|
Thursday, 8 December 2011
नजबगढ़ के नवाव ने रचा इतिहास बने वनडेमैच के बादशाह
वेस्टइंडीज से चल रही वनडे मैचों की सीरीज मे इंदौर में हुए चोथे एकदिवसीय मैच में वीरेन्द्र सह्बाग ने 219 रन बनाकर एकदिवसीय मैच मे सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए इससे पहले एकदिवसीय मैचों में एकमात्र दोहरा शतक भारत के ही दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के नाम दर्ज था| जिन्होंने 24 फरवरी 2010 को ग्वालियर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नाबाद 200 रन की पारी खेली थी| सह्बाग ने 149 गेंद का सामना करते हुए 7 छक्के और 25 चौके जड़े, इस आक्रामक बल्लेबाज के दोहरे शतक की मदद से भारत ने पांच विकेट पर 418 रन का स्कोर खड़ा किया जो अंतरराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट के इतिहास में उसका सर्वाधिक स्कोर भी है| इससे पहले भारत का सर्वाधिक स्कोर सात विकेट पर 414 रन था जो उसने 15 दिसंबर 2009 को राजकोट में श्रीलंका के खिलाफ बनाया था. एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे अधिक टीम स्कोर का रिकार्ड श्रीलंका के नाम है| जिसने चार जुलाई 2006 को एम्सटलवीन में हालैंड की कमजोर टीम के खिलाफ नौ विकेट पर 443 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया है| वीरू के इस शानदार दोहरे शतक से एकदिवसीय मैच की बादशाहत पर उनका कब्ज़ा हो गया|
Wednesday, 7 December 2011
तू डाल-डाल तो में पात-पात

केंद्र सरकार व यूपी सरकार में चल रहे चुनावी घमासान को लेकर दोनों अपने - अपने कथनों से एक दुसरे को भ्रष्ट साबित करने में लगे हैं| जहां एक और कांग्रेस सरकार के युवराज राहुल गाँधी ये कहते हैं, कि राज्य की विभिन्न योजनाओं और विकास के लिए भेजे जाने बाले केन्द्रीय पैसे को लखनऊ में बैठा हाथी चट कर गया बहीं दूसरी और बसपा सुप्रीमों मायावती जी कहती हैं कि हाथी राहुल गाँधी के सपने में उन्हें दौड़ा रहा होगा इसी बजह से वे लोकसभा के सत्र में शामिल नहीं हैं और उत्तर प्रदेश में नाटक कर रहे हैं| इनके कथनों को देखा जाये तो केंद्र सरकार व राज्य सरकार एक दूसरेको नीचा दिखाने में लगे हैं मगर कौन कितने पानी में है इस वात का फैसला तो प्रदेश में होने वाले आगामी चुनावों में होगा |जरदारी की कुर्सी पर खतरा
पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के प्रवक्ता ने इस खबर का खंडन किया है कि जरदारी ने इस्तीफा देने की तैयारी कर ली है. प्रवक्ता ने आजतक से बात करके स्पष्ट किया है कि जरदारी इलाज के लिए ही दुबई गए हैं.
पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब इस तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं कि जरदारी इलाज के बहाने दुबई जाकर स्वास्थ्य का हवाला देकर इस्तीफा दे सकते हैं.
हेराल्ड के संपादक बरदे आलम ने आजतक से कहा कि जरदारी इस्तीफे का निर्णय कर सकते हैं, पर इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है. समझा जा रहा है कि नाटो हमला, मैमोगेट मसले के बाद जरदारी पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है. विपक्ष लगातार जरदारी से इस्तीफे की मांग कर रहा है.
गौरतलब है कि आसिफ अली जरदारी अपने बच्चों से मिलने और कुछ चिकित्सकीय जांच कराने के लिए दुबई की निजी यात्रा पर रवाना हुए हैं.
प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने कहा कि जरदारी के साथ उनके चिकित्सक और सीमति निजी कर्मचारी गए हैं. प्रवक्ता ने बताया कि रवाना होने से पहले जरदारी जांच या इलाज के लिए किसी अस्पताल में नहीं गए. जरदारी के निजी चिकित्सक के अनुसार प्रस्तावित चिकित्सकीय जांच नियमित हैं.
जरदारी ने दुबई रवाना होने से पहले स्थिति, मुहर्रम के लिए सुरक्षा प्रबंध और संसद के उपरी सदन में विधायी कार्य की समीक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी, सीनेट अध्यक्ष फारुक एन नायक और गृह मंत्री रहमान मलिक के साथ बैठक की.
पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब इस तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं कि जरदारी इलाज के बहाने दुबई जाकर स्वास्थ्य का हवाला देकर इस्तीफा दे सकते हैं.
हेराल्ड के संपादक बरदे आलम ने आजतक से कहा कि जरदारी इस्तीफे का निर्णय कर सकते हैं, पर इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है. समझा जा रहा है कि नाटो हमला, मैमोगेट मसले के बाद जरदारी पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है. विपक्ष लगातार जरदारी से इस्तीफे की मांग कर रहा है.
गौरतलब है कि आसिफ अली जरदारी अपने बच्चों से मिलने और कुछ चिकित्सकीय जांच कराने के लिए दुबई की निजी यात्रा पर रवाना हुए हैं.
प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने कहा कि जरदारी के साथ उनके चिकित्सक और सीमति निजी कर्मचारी गए हैं. प्रवक्ता ने बताया कि रवाना होने से पहले जरदारी जांच या इलाज के लिए किसी अस्पताल में नहीं गए. जरदारी के निजी चिकित्सक के अनुसार प्रस्तावित चिकित्सकीय जांच नियमित हैं.
जरदारी ने दुबई रवाना होने से पहले स्थिति, मुहर्रम के लिए सुरक्षा प्रबंध और संसद के उपरी सदन में विधायी कार्य की समीक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी, सीनेट अध्यक्ष फारुक एन नायक और गृह मंत्री रहमान मलिक के साथ बैठक की.
Monday, 5 December 2011
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